जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा कक्षा छठवीं की परीक्षा में बैठने वाले बच्चों के लिए महत्वपूर्ण बातें जो उनकी परीक्षा की पूरी तैयारी हो जाने के बाद परीक्षा के दौरान याद रखनी जरूरी है। इसके लिए हमने "नवोदय पूरी तैयारी के बाद, ये बातें रखें याद। भाग - 1" पर महत्वपूर्ण तीन बिंदुओं को लेकर वृहद चर्चा की है। यदि आपने इसे नहीं पढ़ा है तो एक बार पढ़े। आज इस पोस्ट में इसके आगे की महत्वपूर्ण बातें आगे की बिंदु चार से शुरू करने जा रहे हैं इसे भी आप ध्यान से पढ़ कर यह जरूरी टिप्स अपनाएं और सफलता प्राप्त करें :
4. एकाग्रता भंग :
परीक्षा के दौरान परीक्षा हाल में बच्चों को पूरे 2 घंटे के लिए एकाग्रता बनाए रखना चाहिए। यदि उसके आसपास, अगल-बगल किसी प्रकार की कोई घटनाएं शोरगुल, आवाज़, बगल के बच्चे की कोई हरकत आदि हो रही है तो उस पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं देना चाहिए। उसे अपने परीक्षा पर ही एकाग्रता बनाए रखने की जरुरत है। प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए एकाग्रता बनाएँ रखें। किसी भी हल किये हुए या पीछे हल कर चुके प्रश्नों पर चिंतन-मनन नहीं करना चाहिए। आप जिस प्रश्न पर पहुंचे हैं या जिस प्रश्न को आप हल कर रहे हैं उस समय केवल उसी एक प्रश्न पर ही विचार करते रहें, ना कि आने वाले प्रश्न के लिए और ना ही पीछे हल हो चुके प्रश्न के लिए किसी प्रकार का कोई विचार मन में नहीं लाना चाहिए और जब प्रश्न पूरा हो जाए तब अगले प्रश्न पर विचार करना चाहिए।
5. अति आत्मविश्वास :
किसी भी परीक्षा के प्रश्न को हल करने के लिए आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है किंतु किसी भी परीक्षा में अति आत्मविश्वासी होना भी कुछ प्रश्न को गलत कर देता है। हम यहां इन बातों पर चर्चा करेंगे। यदि बच्चा अति आत्मविश्वास के साथ किसी सरल प्रश्न को जल्दी-बाजी में किसी ऑप्शन के प्रति आस्वस्थ होकर ओएमआर पर उत्तर भर देता है तो भी यह गलत होने की संभावना बन जाती है। इसलिए यह ध्यान रखें की सरल से सरल प्रश्न या जिसे आप आसानी से भी क्यों ना बना सकते हैं उसके लिए भी कुछ समय अवश्य रुकें और उस प्रश्न को भी आप पेन चलाकर या दुबारा पढ़कर अवश्य हल करें। बिना पेन चलाए या एकबार पढ़े हुए प्रश्न में कभी-कभी गलती होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
6. बैचैनी, घबराहट या डर :
बच्चे तो बच्चे बड़ों को भी परीक्षा शब्द का नाम सुनते ही बेचैनी, घबराहट या डर लगना स्वाभाविक बात है। जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा में वैसे भी छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। इनको बेचैनी घबराहट या डर लगना स्वाभाविक है। जब आपको ऐसा लगने लगे तो आप कुछ मिनट के लिए रिलैक्स हो जाए, लंबी सांस ले, उसके बाद फिर आराम से धीरे-धीरे हल करना शुरू करें। जैसे-जैसे आपकी एक-एक प्रश्न हल होते जाएंगे वैसे-वैसे आपकी घबराहट, बेचैनी या डर समाप्त होते जाएंगे। इसके लिए बिलकुल डरने की जरूरत नहीं है आप स्वाभाविक रूप से परीक्षा हाल में बैठें जैसे कि आप घर पर बैठे हो और स्वाभाविक रूप से एक-एक प्रश्न बनते जाएं। जैसे-जैसे आपकी एक-एक प्रश्न बनेंगे आपकी डर, बेचैनी या घबराहट खत्म होते जाएंगे और आप अंत तक सभी प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते हैं।
7. अध्ययन चूक
प्रायः देखा गया है कि अधिकांश परीक्षार्थी परीक्षा के समय प्रश्नों को पढ़ने में कुछ ना कुछ चूक (गलती) कर जाते हैं या पढ़ने में कुछ शब्द को समझ नहीं पाते। इसके कारण उनके उत्तर भी गलत हो जाते हैं या उल्टे हो जाते हैं। जैसे कि किसी प्रश्न में नकारात्मक प्रश्न होता है उसे वह उत्तर सकारात्मक में दे देता है। तो ऐसे प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़े। जिस प्रश्न में आप समझने में देरी कर रहे हैं या गलत समझ रहे हैं, पढ़ने में या अध्ययन करने में आप से चूक हो रहा है तथा प्रश्न को हल करके गलत उत्तर दे बैठते हैं। ऐसे प्रश्नों को आप ध्यान पूर्वक पढ़े। यह कोशिश करें कि ऐसे प्रत्येक प्रश्न को हल करने से पहले एक या दो बार पढ़े और हल करने के बाद भी एक बार अवश्य पढ़े उसके बाद उत्तर को ओएमआर शीट पर लगाएं।
ऊपर दिए गए सभी सात बातों को ध्यान में रखते हुए आप परीक्षा हॉल जाएं और परीक्षा में सभी प्रश्नों को सावधानीपूर्वक हल करें….. आपकी सफलता एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ नवोदय स्टडी टीम……।