इस वर्ष के कट ऑफ मार्क्स क्या रहेगा इसे समझने से पहले हमें दो बातों पर ध्यान देना होगा। इन बातों के बाद वास्तविक निर्णय पर पहुंचा जा सकता है।
जैसा कि हमें मालूम है इस वर्ष जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 की चयन परीक्षा में सम्मिलित होने वाले समस्त विद्यार्थियों का उम्र 11 से 13 वर्ष है। ये सभी विद्यार्थी कोविड-19 (लॉकडाऊन) के समय कक्षा 2 तथा 3 में अध्ययनरत थे। इन दो कक्षाओं की पढ़ाई प्रभावित हुई है। इस प्रकार इस वर्ष जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 6 में एडमिशन के लिए चयन परीक्षा देने वाले विद्यार्थी सीखने की अंतराल (लर्निंग गेप) के करण कक्षा पहली की पढ़ाई के बाद सीधे कक्षा तीसरी तथा चौथी की पढ़ाई शिक्षक के द्वारा कक्षा कक्ष में कर पाए हैं। मतलब यह कि वे केवल 3 वर्ष ही शैक्षणिक माहौल में समय व्यतीत किए।
बहुत से विद्यार्थियों को नवोदय के पाठ्यक्रमानुसार पढ़ाई की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो सकी। इसे सीखने की अंतराल (लर्निंग गेप) के नाम से जानते हैं। वे सीखने की इस अंतराल को अनेक कारणों से पूरा भी नहीं कर पाए। इस कारण ऐसे विद्यार्थियों का स्तर अन्य वर्षों के विद्यार्थियों के मुकाबले कुछ कमजोर है।
उपर्युक्त बातों के आधार पर गौर करें तो इस वर्ष का परीक्षा पेपर सरल प्रकृति की हो सकती है। ताकि सीखने की इस अंतराल के कारण जिन विद्यार्थियों ने अच्छी तरह पढ़ाई नहीं कर पाए वे भी नवोदय विद्यालय में प्रवेश से वंचित न हो जाएँ।
दूसरी बात यह है कि पिछले वर्ष 30 अप्रैल 2022 की जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के पेपर पर गौर करें तो पेपर सरल नहीं थे। जबकि 2022 के विद्यार्थी भी कोविड-19 के समय में सीखने की अंतराल (लर्निंग गेप) के शिकार हुए थे। इस आधार पर पिछले 4-5 वर्षों के अनुरूप औसत स्तर के पेपर आने की संभावन बनती है।
अब इस वर्ष की कट ऑफ मार्क्स की बात करते हैं। ऊपर हमने इस वर्ष की पेपर सरल या औसत (एवरेज) स्तर की हो सकती है इस विषय पर चर्चा की है। चर्चा में यह भी बताया गया है कि पेपर कैसे भी हो आप उसे हल कैसे करें।
यदि पेपर औसत से सरल हो तो कट ऑफ मार्क्स क्या हो सकता है ? यदि पेपर औसत से सरल हो तो कट ऑफ मार्क्स बहुत ऊपर जा सकता है। जैसे कोविड-19 के समय 2021 में पेपर सरल आया था। 2021 के परीक्षा में 100% मार्क्स लाने वाले विद्यार्थियों की संख्या बहुत अधिक थे। कहीं-कहीं 97%, 98%, 99% तो कहीं 100% अंक लाने वाले विद्यार्थियों का भी सलेक्शन नहीं हो पाया था। पेपर सरल आने पर ज्यादा तैयारी करने वाले विद्यार्थी उतावलेपन में प्रश्न गलत कर जाते हैं। इस पर ध्यान देने की जरुरत है। पेपर सरल आने पर हल करने में कोई जल्दबाजी न करें। वैसे भी सरल पेपर आराम से हल करने पर भी तय समय में पूरा हल हो ही जाएगा। पूरा समय लें। यदि पेपर औसत स्तर का हो तो कट ऑफ मार्क्स क्या हो सकता है ? औसत पेपर जैसे पिछले 4-5 वर्षों के पेपर के अनुसार पेपर आए तो कट ऑफ मार्क्स बहुत निचे आ सकता है। अलग-अलग आरक्षण वर्ग के विद्यार्थियों का 70% से 85% मार्क्स पर भी सलेक्शन हो सकता है। औसत स्तर के पेपर आने पर विद्यार्थियों को चाहिए कि पेपर गंभीरता से हल करें।परीक्षा में अच्छे प्रदर्शन के लिए आप सभी को हमारे नवोदय स्टडी टीम की ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, आपकी उज्ज्वल भविष्य की शुभ कामना के साथ…