नवोदय में ग्रामीण सीट 80, शहरी सीट …….
जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा छठवीं में प्रवेश के लिए शहरी और ग्रामीण आरक्षण का सिस्टम कुछ अलग ही तरह का है। इसे समझने से पहले यह जानना जरूरी है कि जवाहर नवोदय विद्यालय का विजन ग्रामीण क्षेत्र में अध्ययन करने वाले प्रतिभावान छात्र/छात्राओं को अच्छी स्कूली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रत्येक जिला में एक जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की गई है जिसमें प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाता है। इस वर्ष का यह प्रतियोगी परीक्षा 19 जनवरी 2025 को आयोजित की जाएगी। जिसके लिए 16 जुलाई 2024 से 16 सितंबर 2024 तक ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा। इस परीक्षा के लिए नवोदय विद्यालय समिति किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लेती है। साथ ही परीक्षा में चयनित विद्यार्थियों को सभी प्रकार की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान करती है। जैसे- शिक्षण, पाठ्य पुस्तक, कॉपी, पेन, गणवेश, जूता, हॉस्टल, बिस्तर, भोजन, नास्ता, साबुन, तेल आदि की सुविधा प्रदान करती है। अब बात करते हैं नवोदय विद्यालय में एडमिशन के लिए शहरी और ग्रामीण आरक्षण की प्रक्रिया क्या है।
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है की नवोदय विद्यालय में अधिकांश सीट ग्रामीण क्षेत्र में अध्यनरत विद्यार्थियों के लिए आरक्षित है। जबकि शहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों को कुछ ही सीटों पर मौका दी जाती है। इस ग्रामीण और शहरी के बंटवारे में कितने सीट पर ग्रामीण और कितने सीट पर शहरी बच्चों का सिलेक्शन हो सकता है। इस पोस्ट में विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्राय: अधिकांश जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए 80 सीटें होती है। इन 80 सीटों को कक्षा छठवीं से एडमिशन लेकर कक्षा 12वीं तक आगे बढ़ाया जाता है इसका तात्पर्य यह है कि जो विद्यार्थी कक्षा छठवीं में एडमिशन पा लेता है वही विद्यार्थी छठवीं से बारहवीं तक नि:शुल्क पढ़ाई करता है। इस बीच कोई विद्यार्थी यदि पढ़ाई छोड़ देता है तो उस विद्यार्थी के बदले कक्षा नौवीं और कक्षा 11वीं में चयन परीक्षा के माध्यम से एडमिशन ली जाती है। इसकी परीक्षा भी प्रत्येक वर्ष होती है।
इस प्रकार कक्षा छठवीं स्तर पर सबसे अधिक 80 बच्चों का एडमिशन होती है। अर्थात पूरे 80 सीट भरे जाते हैं इस पूरे 80 सीट के लिए ग्रामीण बच्चों को आरक्षण प्रदान की जाती है। यहां आरक्षण का प्रावधान इस प्रकार है ग्रामीण बच्चों को 75% सीट पर आरक्षण दी जाती है जबकि 20% सीट पर शहरी बच्चों को मौका दी जाती है। “मौका दी जाती है” इसका तात्पर्य यह है कि पहले 25% सीट अर्थात 80 में से 20 सीट पर शहरी बच्चे भी एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं परंतु ये 20 सीट उनके लिए आरक्षित नहीं है। उन्हें इस 20 सीट में से अपना सीट निकालना है, तो उन्हें ग्रामीण बच्चों से कंपटीशन करके सीट लेना होगा। इसका मतलब है कि इस पहले 20 सीट पर ग्रामीण बच्चा भी दाखिला ले सकता है। यदि ग्रामीण छात्र प्रवेश परीक्षा में शहरी बच्चों से अधिक अंक लेकर मेरिट सूची में उनसे पहले स्थान ले लेता है, तो 20 शहरी सीटों पर भी ग्रामीण बच्चों का दाखिला हो सकता है।
अब बाकी 80 में से 75% सीट अर्थात 60 सीट पूरी तरह से ग्रामीण बच्चों के लिए आरक्षित है। अर्थात इन 60 सीटों पर केवल ग्रामीण बच्चों को ही प्रवेश दिया जाता है।
उपर्युक्त का सीधा-सीधा मतलब है कि ग्रामीण बच्चों के लिए 60% सीट सुरक्षित है उसे शहरी बच्चा नहीं ले सकता जबकि 20 सीट शहरी बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है उसे ग्रामीण बच्चा भी कंपटीशन करके शहरी बच्चों से सीट को छीन सकता है। अर्थात ग्रामीण बच्चों के लिए पूरे 80 सीट उपलब्ध है।
अच्छे से समझने के लिए स्टेप बाय स्टेप जानकारी हमारे इस वीडियो से ली जा सकती है।
वीडियो देखें : –
नवोदय भाषा एवं व्याकरण 2025 [Quiz Mode] भाग – 08
डाउनलोड डमी एडमिट कार्ड | नवोदय प्रवेश परीक्षा 2025 कक्षा 6
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Gavel Sir
S.P. Gavel, an accomplished educator from Raigarh, Chhattisgarh, holds multiple degrees and has over 20 years of teaching and editorial experience. He specializes in Navodaya Vidyalaya Entrance Exam preparation, offering YouTube classes, model papers, online test series, and personalized guidance to help students succeed.More