इस वर्ष के नवोदय प्रवेश परीक्षा में क्यों बिगड़े अधिकांश बच्चों के सवाल ? 2023 के लिए नवोदय की तैयारी करने वाले बच्चे इसे जरूर पढ़ें और ऐसी गलतियों से बचें।
आज तक आयोजित हुए नवोदय प्रवेश परीक्षाओं में इस वर्ष का परीक्षण पुस्तिका (प्रश्न पेपर) अन्य किसी भी वर्ष के परीक्षण पुस्तिका से बहुत कुछ मामले में अलग था। कुछ शिक्षकों ने इसे बहुत सरल माना है तो कुछ ने कठिन, मध्यम कहने वाले भी कम नहीं हैं। हमने इस वर्ष के परीक्षण पुस्तिका के कठिनाई स्तर के विषय में बहुत से शिक्षकों से जानकारी एकत्रित किया है जिसके आधार पर इस पेपर का निष्कर्ष प्रस्तुत करेंगे तथा अन्त में इस वर्ष के नवोदय प्रवेश परीक्षा में क्यों बिगड़े अधिकांश बच्चों के सवाल ? इस प्रश्न का बिन्दुवार जवाब देंगे। इस लेख को लिखने का उद्देश्य भविष्य में तैयारी करने वाले बच्चों को परीक्षा की बेहतरीन तैयारी के साथ-साथ अन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है।
इस वर्ष के पेपर का स्तर कैसा था ?
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है कि कुछ शिक्षकों ने इसे बहुत सरल माना है तो कुछ ने कठिन, मध्यम कहने वाले भी कम नहीं हैं। हमने इस पेपर को तीनों तरह से देखने का प्रयास किया है। यदि पेपर को सरसरी तौर पर देखें तो पेपर बहुत ही सरल लग रहा है। दूसरे यदि प्रश्नों को बच्चों की दृष्टि से देखा जाए तो सरल नहीं है, मध्यम कह सकते हैं। किन्तु किसी एक बच्चे को निर्धारित समय सीमा के अन्दर सभी प्रश्नों को समझ कर हल करने की दृष्टि से देखें तो प्रश्न बहुत कठिन है। इस पक्ष में निम्न बिन्दुओं पर गौर करें –
इस वर्ष के मानसिक योग्यता के प्रश्न सरल होते हुए भी अधिक समय लेने वाले प्रश्न हैं।
मानसिक योग्यता के प्रश्नों को हल करने में पिछले वर्षों की तुलना में 5 से 7 मिनट का अधिक समय लगेगा।
पिछले वर्षों में अंकगणित के प्रश्न कठिन होने पर भाषा अनुभाग सरल होते थे या भाषा अनुभाग के प्रश्न कठिन होने पर अंकगणित सरल होते थे जबकि इस वर्ष दोनों भागों को कुछ कठिन तथा समान रखा गया है।
अब यदि समय सीमा को ध्यान में रखकर देखें तो तीनों भागों में हल करने के लिए पूर्व वर्षों की तुलना में अधिक समय लगेंगे। यदि किसी एक अनुभाग पर अधिक समय लगाया गया तो किसी दूसरे अनुभाग के लिए समय कम हो जाएंगे और कुछ प्रश्न छूटने या बिगड़ने की सम्भावना बढ़ जाएगी।
उपर्युक्तानुसार इस वर्ष के जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा का प्रश्न पेपर औसतन सरल होने के बावजूद भी कठिन माना जा सकता है।
इस वर्ष के नवोदय प्रवेश परीक्षा में क्यों बिगड़े अधिकांश बच्चों के सवाल ?
उपर्युक्त विवरण के अनुसार पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष का पेपर कुछ अलग रहा जिसके कारण बच्चों के परीक्षा रणनीति सफल नहीं हुई और सरल होते हुए भी बहुत से बच्चों सवाल बिगाड़ गये। इसके कारणों का बिन्दुवार वर्णन निम्नानुसार है:-
- पेपर को समय सीमा से पहले ही हल करके बैठे रहना।
- जो बच्चे पेपर को हल करने में कम समय लिया है उनके सरल प्रश्न भी बिगाड़ गए हैं।
- किसी एक या दो प्रश्नों में अधिक समय तक रुक जाना। कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जहाँ बच्चा 10-15 मिनट तक रूक जाता है जिसके कारण सरल प्रश्नों के लिए समय नहीं मिला तथा सरल प्रश्न या तो छूट गये या गलत हो गये (बिगाड़ गये)।
- इस वर्ष का अंकगणित तथा भाषा अनुभाग दोनों भागों के प्रश्न स्तर को समान रखा गया है। किसी एक अनुभाग में अधिक समय लेने वाला बच्चा दूसरे अनुभाग के प्रश्नों को सही से नहीं हल कर पाया और कुछ प्रश्न बिगड़े।
- बहुत से बच्चे प्रश्नों को ज्यादा सरल मानकर जल्दबाजी में बिना सोचे समझे गलत विकल्पों का चयन कर गये।
- अंकगणित अनुभाग में बच्चों के द्वारा बिना रफकार्य (कच्चे कार्य) के मौखिक तौर पर विकल्पों का चयन की प्रवृत्ति ने भी इस भाग के प्रश्नों को बिगाड़ा है।
- भाषा अनुभाग में अनुच्छेद को बिना पढ़े प्रश्न पढ़कर उत्तर खोजने की प्रवृत्ति ने भाषा अनुभाग के प्रश्न बिगड़े।
- प्रत्येक अनुभाग के लिए अपने क्षमता के अनुसार समय का सही प्रबंधन होना जरूरी है, जबकि बच्चों ने सही समय प्रबंधन नहीं किया।
- परीक्षा भवन में बहुत से बच्चों के द्वारा स्वयं के घड़ी का उपयोग नहीं करने से समय का पता न चल पाने से भी अंत में जल्दबाजी से प्रश्न बिगड़ते हैं।
इस तरह भविष्य में या 2023 की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले बच्चे ऊपर उल्लेखित बातों को ध्यान में रखते इस वर्ष के बच्चों के द्वारा की गई गलतियों तथा कमियों को सुधारते हुए तैयारी शुरू करें।
You are right sir.
Thanks sir
I want a good marks
Cut off of general please mention