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शहर में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के मकसद से अमृत योजना चलाई जा रही है। जिसमें पार्कों का निर्माण, पेयजल, सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम हुए हैं। परंतु अब प्रत्येक परिवार को हरे व नीले कूड़ेदान में कचरा रखना होगा। प्लास्टिक, कांच, पन्नी आदि कचरा नीले कूड़ादान में तो भोजन, सब्जी, फल के छिलके हरे कूड़ेदान में डलवाएं जाएंगे। जिससे लोगों को इनमें अंतर समझ आ सके और लोग खाने पीने की चीजों को बर्बाद ना करें। क्योंकि खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक, कांच आदि को एक ही कुड़ेदान में डालने से मिल जाता है और फिर पशु इन्हें भी खा लेते हैं। इसलिए इन वस्तुओं से बचाव जरूरी है। इस अभियान में कोई दिक्कत ना आए, इसके लिए नगर पालिका कुछ परिवारों को कूड़ेदान उपलब्ध भी करा रही है।
1. अमृत योजना के तहत कार्य नहीं है -
2. बचे हुए भेजन किस कुड़ेदान में नहीं रखने चाहिए -
3. पशुओं को किन वस्तुओं से बचाना जरुरी है -
4. कुड़ेदान को अलग-अलग रंगों में क्यों रखा जाता है-
5. सुखे या ठोस कचड़े किस कुड़ेदान में रखने होते है-