नवोदय चयन परीक्षा एक चुनौती

अब परीक्षाओं में परंपरागत प्रश्नों का समय धीरे-धीरे जा रहा है, पुराने प्रश्नों का स्थान नए जमाने के प्रश्नों ने लेना शुरु कर दिया है। अब परीक्षार्थियों को तरह-तरह के अध्ययन सामग्रियों की उपलब्धता परीक्षा तैयारी करने को सरल बना दिया है तथा आवश्यकता विहीन (गरीब तथा दुरस्त) विद्यार्थियों को भी एक अच्छा अवसर प्रदान कर रहा है। वर्षों से सुविधाओं और जानकारी के अभाव से आवश्यकता विहीन (गरीब तथा दुरस्त) विद्यार्थियों ने अब समाज के साथ कदम से अदम मिलने की हिम्मत जुटाई है। अब दुरस्त गांव से लेकर सम्पन्न समृद्ध शहरी क्षेत्रों के बीच परीक्षाओं की तैयारी सम्बन्धी बाधाएं दूर होने लगी है। विभिन्न परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वालों की संख्या में भी वृद्धि होते जा रही है इस कारण से विभिन्न परीक्षाओं में प्रतियोगिता (कंपटीशन) भी बढ़ते जा रही है। आज किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त करना बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए एक चुनौती से कम नहीं है।

आज यही स्थिति कक्षा छठवीं स्तर पर जवाहर नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय समिति द्वारा ली जाने वाली चयन (प्रवेश) परीक्षा की भी है। हम यहाँ बात करने जा रहे हैं, आज के समय में जवाहर नवोदय विद्यालय की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को तरह-तरह की अध्ययन मटेरियल (सामग्रियाँ) प्राप्त हो रहे हैं। तकनीकी विकास के साथ-साथ विभिन्न प्रकाशित पुस्तकें, ऑनलाइन क्लासेस, ऑनलाइन अध्ययन सामग्रियाँ, मोबाइल ऐप, आनलाईन तरह-तरह की ई-बुक्स, विडियो कोर्सेज, क्वीज, प्रैक्टिस मटेरियल, आनलाईन टिप्स आदि के करण वर्तमान समय में परीक्षा तैयारी करने के लिए अनन्त सामग्रियाँ उपलब्ध है तथा लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता ने बच्चों को अच्छी शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिलाने की विकल्प तलाशने को मजबूर किया है।

किसी जमाने में कुछ सीमित प्रकाशनों की किताबें ही बाजार में उपलब्ध होती थी जिससे बच्चे तैयारी करते थे और एक परंपरागत तरीके का प्रश्न पेपर में पूछे जाते थे। इस कारण परीक्षा का पैटर्न कुछ हद तक साधारण एवं सरल तथा वर्षों तक एक समान हुआ करता था। अब यह बात नहीं रह गयी है।

अब बात आती है उपयुर्क्त बातों के मद्देनजर उपयुक्त (सही) अध्ययन मटेरियल या तैयारी के लिए किस विकल्प का चयन करें और कैसे करें ? जिससे कि सफलता मिल सके।

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इस समस्या के समाधान के लिए यहाँ यथासंभव सुझाव प्रस्तुत करने जा रहे हैं।आशा है आपको थोड़ा-बहुत सहायता अवश्य मिलेगी। आप अपने आसपास के अनुभवी शिक्षकों का सहयोग लें तथा जवाहर नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों से सहयोग लेकर उचित अध्ययन व्यवस्था तथा सही अध्ययन सामग्री चयन करने के लिए परामर्श लें। इसके अलावा पिछले वर्ष सफल हुए विद्यार्थियों तथा असफल हुए विद्यार्थियों का भी आप सहयोग ले सकते हैं ये वे हैं जो अपने अनुभव के आधार पर सबसे ज्यादा और सबसे अच्छी जानकारी दे पाएंगे। पिछले वर्ष तैयारी करने वाले विद्यार्थी जो असफल रहे या उनके अभिभावक (माता-पिता, भाई-बहन) ये आपको अच्छी टिप्स या सलाह दे सकते हैं क्योंकि ये व्यक्ति आपको आसानी से मिल जाएंगे। दूसरी बात सफलता के लिए कितने हद तक तैयारी की जरूरत है और कौन-कौन से अध्यायन सामग्रियों का उपयोग करें किसी चयनित विद्यार्थी से चर्चा कर सकते हैं। ताकि आपको यह पता चल सके कि उन विद्यार्थियों ने कौन-कौन से तरीके को आजमाया जिससे उन्हें सफलता प्राप्त हुई।(हालांकि आपको चयनित विद्यार्थी खोजने में दिक्कत हो सकती है।) इस तरह से आप दोनों विद्यार्थियों के तुलनात्मक जानकारी प्राप्त कर अपनी तैयारी का रास्ता निकाल सकते हैं।

परीक्षा की तैयारी में एक शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। अपने आसपास किसी अनुभवी शिक्षक का तलाश करें और वहाँ से तैयारी संबंधी टिप्स लेकर बच्चे की तैयारी कराएँ। तैयारी के लिए कोई शिक्षक लगाएँ या घर पर ही कोई अनुभवी व्यक्ति नियमित रूप से बच्चे को सहयोग करते रहें। यहाँ एक बात ध्यान दें कि आप बच्चे को अपने घर पर ही तैयारी कराकर सफलता ला सकते हैं बस घर का कोई अनुभवी व्यक्ति जो बच्चे का सहयोग कर रहा है उसे बच्चे से अधिक तैयारी करने की जरुरत है। यह सफलता का ब्रह्मास्त्र है आप निश्चित ही सफल होंगे।

उपर्युक्त के अतिरिक्त अन्य महत्वपूर्ण टिप्स है –

  1. बच्चे की तैयारी प्रतिदिन नियमित तौर पर जारी रखें।
  2. एक बार सीखे हुए बातों को बच्चे अधिक लंबे समय तक याद नहीं रख सकते इसलिए सीखे हुए हिस्से को भी बार-बार रिवीजन कराते रहें।
  3. परीक्षा सिलेबस एवं परीक्षा पैटर्न के अनुसार बच्चे को सभी चैप्टर का बेसिक ज्ञान सबसे पहले तैयारी कराएँ।
  4. मानसिक योग्यता वाले भाग में अधिक से अधिक प्रैक्टिस की जरूरत है।
  5. गणित की तैयारी के लिए बेसिक तैयारी सबसे पहले कराएँ उसके बाद अध्याय वार सरल से कठिन प्रश्नों को हल कराते हुए बच्चे में आत्मविश्वास बढ़ाएँ।
  6. भाषा की तैयारी के लिए अधिक से अधिक किताबें पढ़ाएंँ।
  7. किताबों को पढ़कर समझने का गुण विकसित कराएँ।
  8. किताबों को पढ़ते समय आने वाले शब्दों का भावार्थ, पर्यायवाची तथा विलोम शब्दों के ज्ञान विकसित करें।
  9. भाषा वाले भाग में प्रश्नों का उत्तर खोज कर निकालने की अपेक्षा समझ कर उत्तर निकालने का प्रयास कराएँ।
  10. पुराने प्रश्नों की तैयारी पहले कराएँ तथा नए प्रकार के प्रश्नों की तैयारी बाद में कराएँ।

5 thoughts on “नवोदय चयन परीक्षा एक चुनौती”

  1. It is a very good & commendable steps your organization has taken, both kids & parents will be beneficial. Commerciality in education will never sustain for a long period. Thanks for your endeavouring steps.

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