JNVST के चार महत्वपूर्ण अध्याय

ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में कक्षा 5 वीं स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियों का एक ही सपना होता है कि उनकी आगे की पढ़ाई-लिखाई जवाहर नवोदय विद्यालय में हो। इस उद्देश्य से वह नवोदय प्रवेश परीक्षा की तैयारी में अपनी सारी ऊर्जा लगाता है। यदि अपनी ऊर्जा का उपयोग उचित समायोजन के साथ करें तो परिणाम भी अच्छे मिलेंगे। कहीं ऐसा न हो कि जहाँ अधिक ऊर्जा खपत करते हैं वहाँ से परिणाम कम मिले और जहाँ जरूरत हो वहाँ हमने कम ऊर्जा लगाया।

इस लेख में जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में अंकगणित खण्ड से पूछे जाने वाले 20 प्रश्न जो परीक्षा में सफलता को निर्धारित करता है। जिसमें सबसे अधिक प्रश्न किन-किन अध्यायों से लिए जाते हैं या यह कहें कि अंकगणित के वे कौन-कौन से अध्याय है जहाँ सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है, यहाँ इन बातों पर चर्चा करेंगे।

वैसे तो विद्यार्थियों को अंकगणित का पूरे सिलेबस की तैयारी अच्छे से करना चाहिए। कोई भी अध्याय न छूटने पाए। फिर भी पिछले वर्षों के प्रश्न पुस्तिकाओं पर नजर डालें तो सबसे ज्यादा प्रश्न निचे दिए गए 4 अध्यायों से सम्बंधित होते हैं जिसका जिक्र हम करने जा रहे हैं-

1. संख्या पद्धति –

इस अध्याय से बच्चे की आंकिक योग्यता तथा तर्क से सम्बंधित परीक्षण पर अधारित नवीनतम प्रश्न दिए जाते हैं जिसे बच्चा अपनी योग्यता तथा तर्क के आधार पर हल करता है।

2. दशमलव संख्याओं पर आधारित संक्रियाएँ-

अंकगणित में दशमलव संख्याओं का अधिक महत्व है, इसलिए इस अध्याय से संबंधित प्रश्नों का समावेश अंकगणित के किसी भी अध्याय से संबंधित प्रश्नों के साथ किया जा सकता है। इसलिए यहाँ अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

3. भिन्न संख्याओं पर आधारित संक्रियाएँ-

अपूर्ण संख्याओं को भिन्न तथा दशमलव दोनों ही रूपों में लिखा तथा पढ़ा जा सकता है। अतः इनपर आधारभूत संक्रियाओं के साथ-साथ समझ विकसित करने पर भी अधिक ध्यान देने की जरूरत है।

4. प्रतिशतता-

अंकगणित में प्रतिशतता की तैयारी को लाभ-हानि, साधारण ब्याज के साथ-साथ भिन्नात्मक संख्या एवं दशमलव संख्या से भी सम्बन्धित माना जाता है। इसलिए प्रतिशतता के सभी गुण विद्यार्थियों में होने की जरूरत है।

पिछले वर्षों में उपर्युक्त चार अध्यायों से सम्बंधित प्रश्नों का समावेश सबसे अधिक प्रश्नों के लिए किया गया है। चाहे प्रश्न किसी भी अध्याय से लिया गया हो दशमलव, भिन्न तथा प्रतिशतता से जोड़ कर प्रश्न पूछने का रिवाज चल पड़ा है।

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